कहानियाँ

बुराई |

एक राजा को जब पता चला कि मेरे राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसका सुबह-सुबह मुख देखने से दिन भर भोजन नहीं मिलता है। सच्चाई जानने के इच्छा से उस व्यक्ति को राजा ने अपने महल में बुलाया। दूसरे दिन राजा की व्यस्तता ऐसी बढ़ी कि राजा शाम तक भोजन नहीं कर सका, इस …

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कर्मों का फल | 

एक बार द्रोपदी सुबह तड़के स्नान करने यमुना घाट पर गयी|  भोर का समय था|  तभी उसका ध्यान सहज ही एक साधु की ओर गया जिसके शरीर पर मात्र एक लँगोटी थी|  साधु स्नान के पश्चात अपनी दुसरी लँगोटी लेने गया तो वो लँगोटी अचानक हवा के झोंके से उड़ पानी मे चली गयी और …

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शुक्र

एक पक्षी था जो रेगिस्तान में रहता था, बहुत बीमार, कोई पंख नहीं, खाने-पीने के लिए कुछ नहीं, रहने के लिए कोई आश्रय नहीं था।  एक दिन एक कबूतर उधर से गुजर रहा था, उस बीमार और दुःखी पक्षी ने कबूतर को रोका और पूछा-  “तुम कहाँ जा रहे हो? उसने उत्तर दिया- “मैं स्वर्ग …

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निष्काम कर्म

एक गरीब विधवा के पुत्र ने एक बार अपने राजा को देखा । राजा को देख कर उसने अपनी माँ से पूछा- माँ! क्या कभी मैं राजा से बात कर पाऊँगा ?   माँ हंसी और चुप रह गई । पर वह लड़का तो निश्चय कर चुका था । उन्हीं दिनों गाँव में एक संत आए …

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